पुड़िया ज्ञान की पिलादे गुरुदेव दर्द मेरी नस-नस में,

चार महीने आये सर्दी के सर्दी सर्दी होये,
रोये नाम की उड़ा दे गुरु देव दर्द मेरी नस-नस में,

चार महीने आये गर्मी गर्मी गरमी होये
पंखा नाम का लगवाड़े गुरु देव दर्द मेरी नस-नस में,

चार महीना आये वर्षा के वर्षा वर्षा होये,
छतरी नाम की चढ़ा दे गुरु देव दर्द मेरी नस-नस में,

कहे कबीर सुनो भी साधु सुन संतो की वाणी ,

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