मस्ती चढ़ गई दाता जी दे नाम दी,
आनंदपुर वाला कटे दुखड़े तमाम जी,
मस्ती चढ़ गई दाता जी दे नाम दी….

लग जे लगन जदों भगता नु रब दी,
भूल जावे होश फिर इस सारे जग दी,
चढ़दा इ दिन कदों हुंदी फिर शाम जी,
मस्ती चढ़ गई दाता जी दे नाम दी….

दुखा दिया सागरा चो देवे जो किनारा जी,
करके दीदार जिदा मिल जे नजारा जी,
लुटदा एह भगता नु ओह नजरा दे नाल जी,
मस्ती चढ़ गई दाता जी दे नाम दी….

खुल गए ने बंद तकदीरा वाले ताले जी,
चाह सुखराज हूँन जांदे ना संभाले जी,
रोहित ते किरपा हारा वाले दी,
मस्ती चढ़ गई दाता जी दे नाम दी….

Author: Unkonow Claim credit

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