मुझे लोगो से क्या वास्ता मिला गुरु जी का रास्ता,
चैन मिला है मुझे इस दर से इस दर से वास्ता है,
मैं गुरु जी दीवाना मेरे गुरु बादशाह है,

ये इश्क़ का सौदा है लोको मिलते नजर ही हो जाये,
देखो मुखड़ा गुरु का अब मुझको कोई न भाये,
गुरु जी सब तो सोहना है तन मन मेरा फ़िदा है,
मैं गुरु जी दीवाना मेरे गुरु बादशाह है,

गुरु जी ने जलवा दिखाया है मुझको अपना बनाया है,
रोके न मुझको अब दुनिया मुझे डुगरी नगरी जाना है
तुझसे अब मैं क्या मांगू सब कुछ ही मिल गया है,
मैं गुरु जी दीवाना मेरे गुरु बादशाह है,

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह