युग युग जीवे मेरे सतगुर प्यारे तू,
हर हाल विच मेरे काज सवारे तू….

गुण अवगुण मेरे कदी भी ना परखे,
लाज हमेशा रखी जावा तेरे सदके,
रेहमता दे दित्ते दाता सदा ही सहारे तू,
हर हाल विच मेरे काज सवारे तू….

सुख विच दुःख विच अंग संग रहा तू,
सारे छड्ड गये तावी छड्ड के ना गया तू,
मित्र प्यारेया दे सोहने रूप धारे तू,
हर हाल विच मेरे काज सवारे तू….

टूटे हुए तारियाँ नु शन तू बनाना है,
सब कुछ जान के भी भोला बन जाना है,
लखा डूब जान जो की लाये ने किनारे तू,
हर हाल विच मेरे काज सवारे तू….

दासन दास तेरी महिमा नू गाये,
तेरी सोणी महिमा नू सब नू सुनाए,
अपने चरणा कोल सदा रखना तू ही तू,
हर हाल विच मेरे काज सवारे तू….

Author: Unkonow Claim credit

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