गुरुदेव नमाह गुरुदेव नमाह गुरुदेव नमाह
गुरु गंगा का निर्मल पानी है
जिसे नैया पार लगानी है
जिसे नैया पार लगानी है
गुरुदेव……..
गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णू है
गुरु शतशत परमेश्वर है
गुरु शतशत परमेश्वर है
गुरुदेव…….
जो गुरु की निंदा करते है
वह लख चौरासी भटकते है
वह लख चौरासी भटकते है
गुरुदेव…….
जो गुरु की महिमा गाते है
वह भवसागर तर जाते है
वह भवसागर तर जाते है
गुरुदेव……..
Author: Unkonow Claim credit