गुरु मेरे जान प्राण, शब्द का दीना दाना,
शब्द मेरा आधार, शब्द का मरम पछाना।

क्या गुण गाउँ शब्द , शब्द का अगम ठिकाना,
बिना शब्द सब जीव, धुंध में फिरें भरमाना।

जल पाछान पूजत रहें, कागज अटकाना,
मनमत ठोकर खाये, गए चौरासी खाना,
गुरु मेरे जान प्राण, शब्द का दीना दाना,
शब्द मेरा आधार, शब्द का मरम पछाना।

बहु बिधि विपता जीव को, बिन शब्द सुनाना,
सतगुरु की सेवा बिना, नहीं लगे ठिकाना।

शब्द भेद बिन सतगुरु, क्या कहे अजाना,
मन इंद्री बस में नहीं, तो काल चबाना,
गुरु मेरे जान प्राण, शब्द का दीना दाना,
शब्द मेरा आधार, शब्द का मरम पछाना।

राधास्वामी सरन ले, सब भाँती बचाना,
मेहर दया छिन में करें, दें अगम खजाना,
गुरु मेरे जान परान, शब्द का दीना दाना,
शब्द मेरा आधार, शब्द का मरम पछाना।

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह