अपना बनाया सानू दाता ने
रज के रजाया सानू दाता ने,
चरनी लगाया सानू दाता ने….

खोल दवे दाता जदों दया वाले द्वार जी,
सुद्ध बुद्ध भूल जावे ऐसा देवे प्यार जी,
नही ठुकराया सानू दाता ने,
चरनी लगाया सानू दाता ने….

दुनिया दा प्यार दित्ता नाले दित्ता मान जी,
चोह्न्दे ने लोकी किता दाता ने एहसान जी,
रस्ता दिखाया सानू दाता ने,
चरनी लगाया सानू दाता ने….

दास वी दाता तेरा नाम है जपदा,
हर पल तेरा ध्यान है करदा,
प्रेम सिखाया सानू दाता ने,
चरनी लगाया सानू दाता ने….

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