श्री गणपती जी महाराज…
देवो में पहले मनाते है,
श्री गणपती जी महाराज…
दर्शन की आस लगाते है।।

दर्शन को अखियां तरस रही,
भक्तन पे किरपा बरस रही,
तेरे नाम से दुःख मिट जाए,
गजानंद जी तुम्हे बुलाते है,
श्री गणपती जी महाराज…
देवो में पहले मनाते है,
श्री गणपती जी महाराज…
दर्शन की आस लगाते है।।

गणपती जी बड़े निराले है,
देखो देवा एक दन्त वाले है,
पुरे होते उनके अरमान,
जो गणपती जी को ध्याते है,
श्री गणपती जी महाराज…
देवो में पहले मनाते है,
श्री गणपती जी महाराज…
दर्शन की आस लगाते है।।

देवा लड्डुओं का भोग लगाते है,
मोदकों का भोग लगाते है,
देवा जिनके घर पे पधारे,
वो भव से पार हो जाते है,
श्री गणपती जी महाराज…
देवो में पहले मनाते है,
श्री गणपती जी महाराज…
दर्शन की आस लगाते है।।

Author: Unkonow Claim credit

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