की वंदना पहले गणपत की,
लाया वही थाली पूजन की,
की वंदना पहले गणपत की,

प्रथम कर्त है पूजा तुम्हारी देव सत्य और वेदो के ज्ञानी ,
बुद्धि दो अज्ञानी की की वंदना पहले गणपत की,

गिरजा शंकर के तुम बालक नाम तुम्हरा विघन विनाश्यक,
ऋषि मुनि निष् दिन पूजा की की वंदना पहले गणपत की,

कानन कुंदन रूप मनोहर कर्म कर धन मुरशत वाहन,
छवि दिखे रथ सी महाराज की की वंदना पहले गणपत की,

दुर्गे भगत दर्शन प्यासा है द्वार तुम्हारे आन खड़ा है
लाज बचा दो भगतो की,की वंदना पहले गणपत की,

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