कैसी तुम्हारी सवारी चूहा बड़े उत्पाती,
बड़े उत्पाती चूहा बड़े उत्पाती,
माने ना बात जरा भी चूहा बड़े उत्पाती,
कैसी तुम्हारी सवारी……

आटा भी खा गए मेरा चावल भी खा गए,
खा गए दाल चना की चूहा बड़े उत्पाती,
कैसी तुम्हारी सवारी…..

मंदिर में घी की बाती खा गए,
मोदक और चूरमा भी चूहा बड़े उत्पाती,
कैसी तुम्हारी सवारी……

मेवा मिठाई सब कुछ खा जाते,
खा खा हो रहे हाथी चूहा बड़े उत्पाती,
कैसी तुम्हारी सवारी…..

चूहे के मम्मी पापा, दादा और दादी,
आ गए पोते नाती चूहा बड़े उत्पाती,
कैसी तुम्हारी सवारी……

एक के संग में दो-दो चले आते,
बिना बुलाए बाराती चूहा बड़े उत्पाती,
कैसी तुम्हारी सवारी….

जब चूहे का मैंने दर्शन कीना,
भर गए खाली भंडार भी चूहा बड़े उत्पाती,
कैसी तुम्हारी सवारी….

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह