हे घन नायक सीधी विनायक गोरी सूत घन राज
विघन विनाशक मंगल कारक गणपति जी महाराज
कारज सिद्ध गणपति जी कारज सिद्ध करो

सब से पेहले होती पूजा बुध के हो भण्डार,
इसी लिए तो देवो के तूम हो सरताज
कारज सिद्ध करो प्रभु जी

रिधि सीधी के स्वामी तुम लम्बोदर शिव गणेश
पारवती है माता आप की पिता जी लोक महेश,
कारज सिद्ध करो प्रभु जी

हे जग वन्धन गोरी नंदन सुन लो मेरी पुकार
भगक पड़ा है संकट में उठा लो प्रभु जी भार
कारज सिद्ध करो प्रभु जी

शोभे तेरे शीश मुकट और कुल्हाठी हाथ
अनुसान में ना रहे उसे बाँधी रसी ख़ास
कारज सिद्ध करो प्रभु जी

जो भी करे नित प्रेम से गणपति तेरा ध्यान
खुश हो जाते शिगर तुम जो मोदक दे परशाद
कारज सिद्ध करो प्रभु जी

Author: Unkonow Claim credit

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