जो भी, गणपति को, घर में बैठाएगा,
उसका घर, तीरथ बन जाएगा ll
^उसका घर, तीरथ बन जाएगा, xll
जो भी, गणपति को घर में,,,,,,,,,,,,,,,,,

गोरा मैया ने, उबटन से, लाला बनाया l
अपनी, शक्ति से, गोरा ने, जीवित कराया ll
उसे, द्वारपाल है बनाया,
कोई, अंदर ना, आने पाएगा,,,
जो भी, गणपति को घर में,,,,,,,,,,,,,,,,,

तभी, गौरा को मिलने, शंकर जी आए l
गौरा, मईया नहाए, कोई अंदर ना आए ll
बालक हट जाना, बार सह पाएगा,
तेरा काल, त्रिशूल बन जाएगा,,,
जो भी, गणपति को, घर में,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिव ने, त्रिशूल से, धड़ को, अलग कर दिया l
और गौरा ने, काली का, रूप धर लिया ll
अब तो, धरती पर, वही बच पाएगा,
मेरे लाल को, शीश जो लगाएगा,,,
जो भी, गणपति को, घर में,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिव ने, गज़ को बुलाया, शीश उसका लगाया l
यह देखकर, मां का, मन हर्षाया ll
यह बालक, गज़ानन कहलाएगा,
सब के, विघ्नों को, दूर कर पाएगा,,,
जो भी, गणपति को ,घर में,,,,,,,,,,,,,,,,,

गणपति बप्पा,,, मोरिया l
मंगल मूर्ति,,, मोरिया ll
मोरिया रे, बप्पा मोरिया रे llll

Author: अनिलरामूर्तिभोपाल

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