जय जय गणेश जय श्री गणेश,
गोरी माँ का लाल प्यारा रिधि सीधी दाता है,
जो भी इसको पूजे उसका भाग जग जाये,
जय जय गणेश जय श्री गणेश,
मोदक अहारी दाता मूषक सवारी
जो भी इन से प्रेम से मांगे वो ही इनसे पाए
गोरी माँ का लाल प्यारा रिधि सीधी दाता है,

इक दंत गुण वंत दया निधि गोरी माँ के नंदन
वकरतुंड प्रथमेंश गजानंद गनादीश जग वंदन
वरद विनायक विग्नो के हरता शुभ फल नायक मंगल करता
जय जय गणेश जय श्री गणेश,
रिधि सीधी भुधि सम्पति भगतो पे लुटाये
जो भी इसको पूजे उसका भाग जग जाए
गोरी माँ का लाल प्यार रिधि सीधी दाता है
जो भी इसको पूजे उसका भाग जग जाए
जय जय गणेश जय श्री गणेश

दूरवा गुड फल मोदक च्म्भु मेवा मिश्री भाये
जल फूल चड़ाये जो वो मन वंचित फल पावे
शीश जो जुका के प्रेम से पुकारे
काज सब गणराज उस के सवारे
जय जय गणेश जय श्री गणेश,
दोनों लोक उसके सुधरे जो शरण में आये
जो भी उसको पूजे उसका भाग जग जाए
मोदक आहारी दाता मुसक सवारी जो भी इनसे प्रेम से मांगे वो ही इनसे पाए
गोरी माँ का लाल प्यार रिधि सीधी दाता है
जो भी इसको पूजे उसका भाग जग जाए
जय जय गणेश जय श्री गणेश

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह