जय गणेश गणनाथ दयानिधि ……..

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,
सकल विघन कर दूर हमारे,
प्रथम धरे जो ध्यान तुम्हारो,
तिसके पूरण कारज सारे…..

लंबोदर गज वदन मनोहर,
कर त्रिशूल परशू वर धारे,
रिद्धी-सिद्धी दोऊँ चँवर दुलावें,
मूशक वाहन परम सुखारे….

ब्रह्मादिक सुर ध्यावत मन में,
ऋषि-मुनि-गण सब दास तुम्हारे,
ब्रह्मानंद सहाय करो नित,
भक्तजनो के तुम रखवाले…..

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