जय बोलो घनराज की दुःख हरता महाराज की
माँ गोरी के लाल की
बोलो गणपति नाथ की
जय जय जय जय गणराज
रुदर प्रिये की महिमा नारी जग में पूजे हर नर नारी,
लड्डू भोग लगाये जो इनको सुख के होते वो अधिकारी,
प्रथम पूज्य का करे जो बंधन मिट ते हर संताप जी
जय जय जय जय गणराज
लाडले शिव गोरी के केलाश के दुलारे
कोई केहता है इक दंत कोई विधनेश्वर पुकारे,
गणपति भप्पा जिस के संग हो होते है सब काज जी
जय जय जय जय गणराज
Author: Unkonow Claim credit