जय गणेश जय गणेश नाम तुम्हारा,
जब किया याद बना काम हमारा।।

प्रथम पूजा आपकी है पान सुपारी,
मात उनकी पार्वती पिता त्रिपुरारी,
हो गया हमपे एहसान तुम्हारा,
जब किया याद बना काम हमारा।।

मूसे की सवारी और कुश हाथ में,
लड्डू का भोग लगता प्रसाद में,
हो गया हमपे एहसान तुम्हारा,
जब किया याद बना काम हमारा।।

बुद्धि के तुम हो दाता रखो लाज हमारी,
आयी हु प्रभु आयी मैं शरण तुम्हारी,
हो गया हमपे एहसान तुम्हारा,
जब किया याद बना काम हमारा।।

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