गिरिजा के छैया गणपति तुम्हे पुकारू,
पूजूं मैं तुम्हे आरती तेरी उतारूं,
गिरिजा के छैया…

पान फूल मेवा से चरणों की सेवा से,
प्रथम तुम्हे पूजूं छवि चित धारण,
गिरिजा के छैया गणपति तुम्हे पुकारू,
गिरिजा के छैया…

देव दुष्ट हन्ता हो जगत के नियंता हो,
शरण आऊं आपकी मैं पइयाँ पखारूँ,
गिरिजा के छैया गणपति तुम्हे पुकारू,
गिरिजा के छैया…

रिद्धि सिद्धि दाता हो ज्ञान के विधाता हो,
हर लो दुःख देवा आशा से तुम्हे निहारूं,
गिरिजा के छैया गणपति तुम्हे पुकारू,
गिरिजा के छैया…

Author: Unkonow Claim credit

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