गणपति रखो मेरी लाज,
पुरण कीजो मेरे काज,

तू भक्तो का प्यारा है,
सबका पालन हार है,
सुख दयाक भाये हरी तू,
करता मूषक सवारी तू,
तू ही विघ्न विनाशक है
दीं जानो का रक्षक है
तेरा ही हम नाम जापे
तुझको हम प्रणाम करे

सदा रहे खुशहाल गणपति लाल,
जो प्रथम में तुम्हे ध्याये,
रिद्धि सिद्धि के दाता ओ भाग्यविधाता,
वो सब कुछ तुमसे पाए,
विनती सुनलो मेरी आज
गणपति रखो मेरी लाज,

कभी ना टूटे आस मेरा विश्वाश,
मैं आया शरण तुम्हारी,
हे शम्भू कैलाश प्रभु कृपाल,
तेरी है महिमा न्यारी,
तेरी दया का मैं मोहताज,
गणपति रखो मेरी लाज,

Author: Guru Ashish

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