गणपति गणराज हमारे,
ओ सखी धीरे झुलैयो,
धीरे झुलैयो ओ सखी,
होले झुलैयो,
गणपति गणराज हमारे,
ओ सखी धीरे झूलाइयो…..

काहे के तो बने हैं पालना,
काहे की दोर लगायो,
ओ सखी धीरे झुलैयो,
धीरे झुलैयो रे,
सखी होल झूलाइयो,
गणपति गणराज हमारे
ओ सखी धीरे झूलाइयो….

चंदन के तोरे बने हैं पालना,
रेशम के दोर लगायो,
ओ शाखी धीरे झूलाइयो,
धीरे झुलैयो रे,
सखी होले झूलाइयो,
गणपति गणराज हमारे,
ओ सखी धीरे झूलाइयो….

कौन झूले कौन झूलावे,
कौना आज चलो बलैया,
ओ सखी धीरे झूलाइयो,
धीरे झूलाइयो रे,
सखी होले झूलाइयो,
गणपति गणराज हमारे,
ओ सखी धीरे झूलाइयो….

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह