गणपति भप्पा हरलो भक्तो की पीड़,
हर वरस आएंगे वो सागर के तीर,
गणपति भप्पा हरलो भक्तो की पीड़,

रिद्धि सीधी के दाता हो तुम्ही विद्याता,
तुम ही गुरु सखा तुम पितु माता,
तेरी विदाई है प्रभु उड़े है अभीर ,
हर वरस आएंगे वो सागर के तीर,
गणपति भप्पा हरलो भक्तो की पीड़,

तुम ही सहारा देवा तू ही हो आशा,
पूजा भी ना जाने हम हरलो निराशा,
होठो पे प्यास है आँखों में नीर,
हर वरस आएंगे वो सागर के तीर,
गणपति भप्पा हरलो भक्तो की पीड़,

Author: Guru Ashish

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