बीच भंवर में नैया मेरी,
गुड़गुड गोते खाये,
तारणहार तुम्ही हो भगवन मेरे,
भला और कौन पार लगाये…

हरते हो विघ्न सभी के,
बिगड़ी देते हो बनाये,
कष्टों के मेरे भी निवारण का,
करो प्रभु जी कुछ उपाय,
तारणहार तुम्ही हो भगवन मेरे,
भला और कौन पार लगाये….

सर पे धर दो हाथ प्रभु जी,
दो थोड़ा प्यार जताये,
दुखियारे बेचारे शरणागत को,
दुखियारे बेचारे राजीव को,
भगवन मेरे रहे हो क्यूं सताये ,
तारणहार तुम्ही हो भगवन मेरे,
भला और कौन पार लगाये…..

Author: राजीव त्यागी

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