अष्ट विनायक हे व्यापक विशाल, आठों पहर तेरे गुण गाए,
सुमिरन करते मां गौरी के लाल, आठों पहर तेरे गुण गाए,
अष्ट विनायक हे….

चांद सूरज आरती करे, शेष नाग धूप करे,
ब्रह्मा विष्णु स्तुति करे, सुरनर ध्यान धरे,
सुर नर कहते है दीनदयाल, आठों पहर तेरे गुण गाए,
अष्ट विनायक हे….

नव निधि महिमा गाए, दस दिशाएं शीश झुकाए,
रुद्र ग्यारह प्रीति पाए, चौदह भुवन यश लहराए,
चरणों में रहते सदा दीकपाल, आठों पहर तेरे गुण गाए,
अष्ट विनायक हे….

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह