माता गोरा का लला शिव जी का है ये दुलारा,
मुसा है जिनकी सवारी देवो में है सब से निराला,
की भगतो झूमो नाचो गाओ आज गणपति आये है ,
लम्बी लम्बी सुंड है जिनकी छोड़े छोड़े कान हो ‘
सब से पेहले होती पूजा देवो के सरताज हो
मोदक के भोग लगाओ मेरे गणपति को मनाओ
की होगा सब का बेडा पार आज गणपति आये है ,
रिधि सीधी के है ये स्वामी लम्बोदर है नाम हो
तीन लोक में इनकी महिमा बूधी के भण्डार हो
सचे मन से जो आये मन मांगे मुरादे पाए
की देते खुशियाँ अप्रम पार
आज गणपति आये है ,
गली गली और गाओ शहर में गूंजे जय जय कार हो
चुआ पे बेठ के आये घजानन माँ गोरा के लाल हो
अंजलि और आंबे आये गणपति जी के गुण गाये,
आज गणपति आये है ,
Author: Unkonow Claim credit