आबू आबू पधारू गणराज,
करियो पूरन हा सबहक काज,

पार्वती सूत संकर सुवन कहाबै छि,
रिद्धि और सिद्धि के दाता कहाबै छि,
सुभ और लाभ के पिता महाराज,
आबू आबू पधारु गण राज यौ,

गंगा जल स चरण पखराब,
घी के दीपक स आरती उतारब,
सब देबन में आहाँ सिरताज,
आबू आबू पधारु गण राज यौ,

प्यासा आहाँ के प्रथम मनाबै ये,
पान फूल मोदक भोग लगाबै ये,
आहाँ बिन सुन लागे सबटा साज यौ,
आबू आबू पधारू गण राज यौ,

Author: हेमकान्त झा प्यासा

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह