नमस्कार देवी शिवे कल्याणी ।
दो भक्ति का वरदान दुर्गे भवानी॥
जिधर देखते हैं उधर तू-ही तू-है।
हर शै में जलवा तेरा हू-ब हू-है॥
तेरी जुस्त जू है,तेरी गुफ्तगू है।
तू घट घट बसै ,तेरी लीला लासानी॥
नमस्कार देवी……
तू ही शैलपुत्री तू ही दक्षबाला।
तू ही वैष्णो कालका चण्डी ज्वाला॥
उमां रमां सरस्वती जग की पाला।
तू ही देव दानव ,करें नज़रानी॥
नमस्कार देवी……
तेरी रहीमतों का नहीं है ठिकाना।
है दीदार तेरा दया का खजाना॥
तेरे खज़ाने से लेता है जमाना।
तेरी बख्शिशों की ,बड़ी मेहरबानी॥
नमस्कार देवी…….
नहीं जानते हैं तेरी कुछ भी माया।
बनें हैं वहीं हम ,जो तूने बनाया॥
तेरी कृपा से है जीवन यह पाया।
‘‘मधुप’’ की भव बाधा ,हरो महारानी॥
नमस्कार देवी…… ।
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