पारसनाथ प्रभु, पारसनाथ प्रभु हम सब उतारें थारी आरती
पारसनाथ-पारसनाथ हम सब उतारे थारी आरती हो…

धन्य धन्य माता वामा देवी हो देख-देख लाल को हरषायें
खेले जब गोद में, खुशी तीनो लोक में
खुशियों से भरी ये है आरती-

पारसनाथ हम सब उतारे थारी आरती
विश्वसेन के लाल भले हो दर्शन से पाप नशते हो
अनुपम छवि सोहे, आनन्द अति देवे
श्रद्धा से आरती के बोल-बोल-बोल-बोल पारसनाथ प्रभु,
पारसनाथ प्रभु आज उतारे हम।

तुम पारस हो प्रभु जी मैं हूँ लोहा
छू लो छू लो मुझे बन जाऊँ सोना
भक्ति से भरी मेरी आरती पारसनाथ प्रभु,
पारसनाथ प्रभु आज उतारे हम।

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह